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आयुष मन्त्री से डॉ. द्विवेदी ने होम्योपैथिक अनुसन्धान केन्द्र खोलने की माँग की
इंदौर. आयुष मन्त्री श्रीपाद नाईक जी से मुलाकात कर होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली पर विस्तृत चर्चा करते हुए होम्योपैथिक अनुसन्धान केन्द्र खोले जाने की माँग की।
केन्द्रीय अनुसन्धान परिषद् अग्रिम कार्यवाही को लेकर आश्वस्त कराते हुए अनुसन्धान केन्द्र नई दिल्ली, गोवा या इन्दौर में खोले जाने की सम्भावना व्यक्त की है.
इन्दौर के होम्योपैथिक चिकित्सक तथा केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद् में वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने आज केन्द्रीय आयुष मन्त्री श्रीपाद नाईक से गोवा में मुलाकात की.
डॉ. द्विवेदी ने मन्त्री को बताया कि डेंगू में जब मरीजों के प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं तब उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होकर प्लेटलेट्स चढ़ाने पड़ते हैं. इसी तरह की कई अन्य बीमारियाँ है जैसे अलास्टिक एनीमिया, सिकल सेल एनीमिया, थैलेसेमिया तथा आई.टी.पी. के मरीजों को भी बार-बार रक्त तथा प्लेटलेट्स चढ़ाने पड़ते हैं.
अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज एलोपैथी में ए.टी.जी. ट्रीटमेंट या बोन मैरो ट्रान्सप्लान्ट है, जो कि काफी महँगा होता है, जबकि होम्योपैथिक दवा से अप्लास्टिक एनीमिया तथा आईटीपी से पीडि़त कई मरीजों को अब बीमारी से पूर्णरूप से आराम मिलने लगा है. उनको अब रक्त या प्लेटलेट्स नहीं चढ़ाना पड़ता है. ऐसे ठीक हुए सभी मरीजों की डॉक्यूमेन्ट्री भी डॉ. द्विवेदी ने आयुष मंत्री को भेंट की.
आयुष मंत्री ने कहा कि, देश तथा विदेश में भी लोगों का आयुष चिकित्सा प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ा है. शीघ्र ही आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक के एआईआईएमएस जैसे संस्थान सम्पूर्ण भारत में देखने को मिलेंगे. डॉ. द्विवेदी द्वारा की जा रही होम्योपैथिक चिकित्सा तथा अनुसन्धान कार्यों की प्रशंसा कर कहा कि लोगों को उनसे सीखना चाहिये तथा अपनी चिकित्सा प्रणाली को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में कार्य करना चाहिये.
उल्लेखनीय है कि आयुष मन्त्री के बुलावे पर गोवा पहुँचे थे. डॉ. द्विवेदी ने बताया कि आगामी माह की 4 तारीख को गोवा में आयोजित होने वाली वृहद् आयुष चिकित्सा शिविर जिसकी रूपरेखा पर भी चर्चा हुई जिसमें आयुर्वेद, होम्योपैथिक, योग तथा नैचुरोपैथी चिकित्सा द्वारा गम्भीर एवं असाध्य रोगियों की चिकित्सा की जाएगी.